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भोपाल: मध्यप्रदेश में 24 आईएएस अफसरों के तबादले, 12 जिलों के कलेक्टर बदले

मध्यप्रदेश शासन ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 24 आईएएस अफसरों का तबादला किया, जिसमें 12 जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 24 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया। इसमें 12 जिलों के कलेक्टर भी बदले गए। कई जिलों में विवाद और शिकायतों के बाद यह कार्रवाई हुई। साथ ही, पहली बार 17 जिलों की कमान महिला अधिकारियों को सौंपी गई।


कलेक्टरों के तबादले और बदलाव

मध्यप्रदेश शासन ने मंगलवार को 24 आईएएस अफसरों के तबादले किए हैं। इसमें पन्ना, पांढुर्णा, सिवनी, मुरैना, डिंडौरी, अलीराजपुर, निवाड़ी, भिंड, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और रतलाम जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं। भिंड में खाद्य संकट और किसानों की समस्याओं पर विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा से विवाद के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को हटा दिया गया। उन्हें अपर सचिव पद पर भेजा गया है। वहीं, भोपाल नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण को छिंदवाड़ा का कलेक्टर बनाया गया। पन्ना कलेक्टर रहे सुरेश कुमार को मुरैना का संभागायुक्त बनाया गया और संस्कृति जैन को भोपाल नगर निगम कमिश्नर का दायित्व दिया गया। शिवराज सिंह चौहान के पूर्व ओएसडी रहे नीरज वशिष्ठ को पांढुर्णा का कलेक्टर बनाया गया।


महिलाओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी

सरकार ने इस बार 7 महिला अधिकारियों को कलेक्टर बनाया है। अब प्रदेश के 55 जिलों में से 17 जिलों की कमान महिला कलेक्टरों के पास है। यह पहली बार हुआ है जब एक साथ इतनी महिला अफसर कलेक्टर पद पर पदस्थ हुई हैं। शीतला पटले और लोकेश जांगिड़ को दो से तीन बार कलेक्टरी का दायित्व सौंपा गया है। वहीं, मिशा सिंह, गौरव बैनल, किरोड़ी लाल मीणा, जमुना भिड़े, अंजू पवन भदौरिया, नीतू माथुर और रजनी सिंह को पहली बार कलेक्टरी मिली है।


हटाए गए कलेक्टर और नई नियुक्तियां

तबादला आदेश में संजीव श्रीवास्तव, शीलेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, अभय बेडेकर, अंकित अस्थाना और अजय देव शर्मा को कलेक्टर पद से हटाया गया है। धार कलेक्टर प्रियंका मिश्रा अपने पद पर यथावत बनी हुई हैं। वहीं, आईएएस नेहा, जिन्हें डिंडौरी कलेक्टर पद पर मात्र आठ महीने ही कार्य करने का मौका मिला, को फिर से लूपलाइन में भेजा गया है। अब उन्हें विमुक्त, घूमंतू और अर्ध घूमंतू जनजाति विभाग का संचालक बनाया गया है। विधायक ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा उनके कार्यप्रणाली को लेकर की गई शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया।


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