181 पर झूठी शिकायत पाए जाने पर होगी एफआईआर दर्ज व सही पाए जाने पर सम्बंधित पर होगी कार्यवाही, राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री के नाम लिखा पत्र

बड़वानी:- सीएम हेल्पलाइन के दुरुपयोग व इसकी आड़ में अवैध वसूली को लेकर राज्य सभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी द्वारा विगत माह, 10 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम लिखा हुआ पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इसकी सत्यता जानने हेतु राज्य सभा सांसद श्री सोलंकी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में सी.एम. हेल्पलाइन (181) डेस्क पर झूठी शिकायत दर्ज कर इसके हो रहे दुरुपयोग को रोकने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को 10/08/2025 को एक पत्र लिखा गया था जिसपर मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही करते हुए, दिनांक 25/09/2025 को सीएम हेल्पलाइन भोपाल कार्यालय से संचालक संदीप अष्ठाना ने पत्र क्रमांक 626/सी.एम.हेल्प./2025 जारी करते हुए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि 181 डेस्क पर यदि कोई झूठी शिकायत करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए तथा शिकायत सही होने पर सम्बंधित पर कार्यवाही की जाए।
राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मांग की थी कि सीएम हेल्पलाइन (181) डेस्क को आमजन के हितार्थ प्रारम्भ किया गया था, लेकिन इस सुविधा का कुछ लोगो द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। कई लोगो के लिए तो यह सुविधा व्यवसाय का रूप ले चुकी है तथा कतिपय लोग अन्य अधिकारीयो, कर्मचारीयो व अन्य लोगो के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाते है और फिर शिकायत विलोपित करने हेतु मोटी रकम की मांग करते है।
इस प्रकार से कई कतिपय लोग सीएम हेल्पलाइन का दुरुपयोग करते हुए बेवजह से अन्य लोगो को परेशान करते है।
अतः सीएम हेल्पलाइन (181) में सुधार की आवश्यकता है तथा उन्होंने पत्र के माध्यम से मांग की है कि शिकायत दर्ज करने से पूर्व इसकी सार्थकता एवं वास्तविकता की जाँच अवश्य होना चाहिए साथ ही शिकायत झूठी पाई जाने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध शख्त कानूनी कार्यवाही कर एफआईआर का प्रावधान होना चाहिए तथा शिकायकर्ता चाहे वह आम नागरिक, राजनैतिक व्यक्ति या फिर कोई अधिकारी या कर्मचारी हो, यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायकर्ता से निर्धारित राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा करवा कर भविष्य में उसे सीएम हेल्पलाइन डेस्क में शिकायत हेतु अपात्र घोषित करने की मांग की गई। ताकि आमजनो को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके तथा झूठी शिकायत व प्रताड़ना से अन्य लोगो को राहत मिल सके।